shabd-logo

हज़ारों की दौड़ में !

14 फरवरी 2017

173 बार देखा गया 173

हज़ारों की भीड़ में एक दीवाना वो भी था....

उसके नफरत से वाकिफ एक अनजान वो भी था...

सच्चाई से परे अपनी ही दुनिया में...

अनकही लफ़्ज़ों का एक फ़साना वो भी था...


तो सुनते है आपको उस अधूरे प्यार की बात...

रोज़ तनहा इयों में कट रही थी उसकी अकेली रात...

बताने से कतराता था...छुपाने से डर जाता था...

हक़ीक़त के राह पे हो रही थी बरसात..


उसकी बारात की शेहनाई में शहीद हो गया था वो...

मोहब्बत में उसके इश्क़ का मरीज़ हो गया था वो....

खुश था उसकी ख़ुशी में...

पर उसकी बारात के शोर में कही टूट गया था वो..


इश्क़ के सफर में एक कहानी ऐसी भी थी...

बेगानो के दौड़ में एक ज़ुबानी ऐसी भी थी...

ऋतिक राज की अन्य किताबें

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

कहानी बहुत अच्छी लगी

15 फरवरी 2017

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए