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कही हम बदल न जाये

23 सितम्बर 2019

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गिरते-संभलते जैसे तैसे जीवन मे चलना सीखा था,

खुदा ईशवर बस नाम ही सुना

ये कभी कहा दिखा था।

बचपन से माँ की ममता देखते पले बड़े,

आज भी ममता के आंचल के कारण है खड़े।

ईश्वर की माया देखी जो मा मिली है।

जिसके कारण जिंदगी आज खिली खिली है।

जन्म से जिसकी सूरत देखी,

जिसको सबसे पहले पहचाना,

लगता नही आज भी मैंने

उसे भले ढंग से जाना।

आज कुछ भी नही बदला माँ वही है।

बस थोड़ी सख्ती आ गई है जो जाती ही नही है

हमने सोचा प्यार कम हो गया है।

बचपन का वो लाड़ दुलार खो गया है।

मगर हम गलत थे, वो गुस्सा या सख्ती नही,

फिक्र किया करती थी।

आज भी वो सबसे हमारा ही

जिक्र किया करती थी।

इसलिए कहते है माँ का प्यार कभी

कम नही हो सकता है।

जब तक माँ साथ है हमारे पास कोई

गम नही हो सकता है।

अब डर यही लगता है माँ तो नही बदली

कही हम बदल न जाये।

वर्षो का प्यार माँ का

पल में ढल ना जाये

कही हम ना बदल जाये

कही हम न बदल जाये।

संतोष भट्ट

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कही हम बदल न जाये

23 सितम्बर 2019
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कह दो की ये अफवाह है

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1 सितम्बर 2021
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<p><br></p> <p>मुशीबत क्या आई<br> <br> तू भी मुकर गया<br> <br> ऐ दोस्त<br> <br> यूं ही बिछड़ गया।<br>

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