१६-८-१८ राष्ट्र के अनन्य भक्त लोकतंत्र के जीवंत प्रतिमूर्ति माँ भारती के महानतम सपूत माँ वीणा धारिणी के वरदपुत्र सर्व समाज के अभिवावक परम सम्माननीय पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न व पद्मविभूषण स्वर्गीय श्रीमान अतल बिहारी बाजपेयी जी कोसादर नमन भावपूर्ण श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित है एक गीतिका ॐ शांति।
"गीतिका"
घर-घर में आँसू पसरा है
छोड़ गए क्यों हमें अटल जी
गया कनक मातम ठहरा है।।
शब्द-शब्द जिनका साक्षी है
मौन अटल वक्त गहरा है।।
पक्ष-विपक्ष सभी के साथी
लोकतंत्र का बड़ चहरा है।।
नमन करूँ हे पूत शारदा
झंकृत वीणा पल बहरा है।।
देख रहे सब आज क्षितिज को
क्यों सूरज के घर पहरा है।।
ढक पाएगा चद्दर उनको
जिनका झंडा उड़ फहरा है।।
हे ज्ञानवंत हे प्रखर संत
जय ॐ शांति स्वर उभरा है।।
महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी