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क्या एक और इमरजेंसी

25 जून 2017

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आज से 42 साल पहले इस देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इस देश में इमरजेंसी लगाई थी| जिसमे विरोधी दल के नेताओ ,पत्रकारों, और सरकार के खिलाफ बोलने वालो को जेल मे डाल दिया गया | किसी को भी सरकार के खिलाफ बोलने की आज़ादी नहीं थी | देश के कही अखबारों को बंद कर दिया गया ,कुछ अखबारों ने सरकार की चमचागिरी की तो कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने सरकार के गलत कामो के खिलाफ आवाज उठाई | ऐसा ही एक अख़बार था इंडियन एक्सप्रेस जिसने इमरजेंसी का विरोध करने के लिए अपने सम्पादकीय पेज पर एक बड़े काले बिंदु से इमरजेंसी का विरोध किया और जब सरकार पत्रकारों को काम नहीं करने दे रही थी और अखबारों को बंद करा रही थी तब इंडियन एक्सप्रेस के संपादक बीबीसी की न्यूज़ रात सुनकर अगले दिन अखबार में छापते थे |

मुझे लगता की आज फिर इस देश में इमरजेंसी का माहौल है जहां सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलने वाले को एंटी नेशनल बोल दिया जाता है , न्यूज़ चैनल पर बैन लगाने की कोशिश की जा रही है , जो न्यूज़ चैनल सरकार की है में है नहीं मिला रहे है उनके ऊपर सीबीआई के छापे मारे जा रहे है तो मेरे हिसाब से तो ये भी इमरजेंसी है जिससे हम सबको निकलना होगा और वो तभी संभव है जब हम सब अपने हक़ को जाने और उसके लिए लड़े |

Shubham jain की अन्य किताबें

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जीवन मे सफलता

13 मई 2016
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यूपी के चुनाव मे एक नेता RLD पार्टी से चुनाव का पर्चा भरा और चुनाव से दो दिन पहले अपनी अपनि पार्टी छोड़ कर बीजेपी मे शामिल हो गए और अब वो आपने ही खिलाफ बीजेपी से चुनाव प्रचार कर रहे है | ये है यूपी के चुनाव की माया

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हर बार चुनाव के समये नेता आते, हमसे वोट मागते है, हमसे वादे करते है, हमारी उम्मीद जगा देते है पर चुनाव के खतं होते हि ,वो उबलते पानी की बाप की तरह गायब हो जाते है | तो जो भी इस बार चुनाव मे वोट देने जा रहे वो सोच समझकर वोट दे | और उसी को वोट दे जो आप को पसंद हो और कोई भी ऐसा ना हो तो नोटा(NOTA) का इ

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26 जून 2017
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राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में ईद के मोके पर मुस्लिम समाज ने मस्जिद को तिरंगे की लाइटिंग कर सजाया और एकता का परिचय दिया | मुस्लिम समाज के इस निर्णेय की सबने तारीफ की और उनके इस निर्णेय की सराहना की | समाज के लोगो का कहना था की ये कर के ये दिखना चाहते की वो भी अपने देश से उ

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#not in my name

29 जून 2017
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प्रधानमंत्री मंत्री ने आज गाय के नाम पर गुंडा गर्दी करने वालो का सख्त विरोध किया है |पर सवाल तो ये है कि क्या सिर्फ बोल कर विरोध जताने से काम हो जाएगा |प्रधानमंत्री को इस गुंडा राज को ख़त्म करने के लिए सख्त कदम उड़ाने चाहिए |पिछले 3 सालो में गाय के नाम , बीफ होने के शक के कारण या बीफ खाने के शक के आधा

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रुक जाना नही

30 जून 2017
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जिंदगी बहुत बड़ी है , तू अभी हारना नही।मंजिल तो अभी बहुत दूर है ,तू रुक जाना नही।।माना राह में बहुत से मुश्किले होगी तेरे।मंजिल दूर है सोच कर रुक जाना नही।।रास्तो में आई मुश्किलो से यू घबराना नही।गिरना, उठना, दोड़ना, पर रुक जाना नही।।किसी एक हार से निराश हो रोक जाना नही।किसी एक कामियाबी को मंजिल सोच र

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ये केसा माहौल है

4 अगस्त 2017
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देश मे आज एक बहस छिड़ी हुईं है कि क्यों दलितो पर और पिछड़ी जातियों के लोगों पर हमले हो रहे है ।उन्हें क्यों मारा जा रहा और उन्हें कौन मार रहा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र मे जाति के आधार पर भेद भाव होना या उत्पीडन होना क्हा तक उचित है। क्या भीड़ द्वारा किसी का मारा जाना सही है?क्या किसी के पास बीफ

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25 अगस्त 2017
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26 अगस्त 2017
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अब ये समय की मांग है कि बाबाओ और मोलवियों को राजनीति से दूर रखा जाय। हम किसी बाबा के नाम पर किसी भी पार्टी को वोट न दे। आज ये बाबा लोग हमारे देश नुकसान पहुंचा रहे है। एक बाबा को करोड़ों की संपत्ति की क्यों जरूरत है। बाबा को बड़े बड़े आश्रम की क्या जरूरत है। ये लोग बाबा के रूप मे देश द्रोही है। सरकारों

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हर वर्ष चौदह सितम्बर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है. यह दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का दिवस है।संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया. संविधान के अनुच्छेद 343 में लिखा गया-"संघ की सरकारी भाषा देवनागरी लिपि में हिन्दी होगी और संघ के सरक

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अमित शाह के बेटे जय शाह के व्यवसाय से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर बाहर आई और ये रिपोर्ट एक ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट the wire ने की ना कि किसी न्यूज़ चैनल ने । जिस देश 200 से ज्यादा न्यूज़ चैनल है कोई भी ये रिपोर्ट नही कर पाया उसके ऊपर किसी भी न्यूज़ चैनल इस खबर पर रिपोर्ट आने के बाद भी इस पर कोई शो नही किया (सिर्

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अब देश मे एक अलग बहस छिड़ गई कि क्या सुप्रीम कोर्ट का पटाखों पर बैन लगाना हिन्दू धर्म के खिलाफ है। क्यों कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ दीवाली तक के समय पर पटाकों पर ये बैन लगाया है ।तो अब दो सवाल है । पहला की दीवाली सिर्फ पटाखों से बनाई जा सकती है और दूसरा सवाल की सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के समय ही पटाखो

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चाल सरकारो की

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An Insignificant Man

25 नवम्बर 2017
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अन्ना हज़ारे जिनके आंदोलन के वजय से ये नाम हर हिंदुस्तानी के मन में बसा है। अन्ना हज़ारे ने कई आंदोलन किये है और कानून बनवाये है। और उन सबमे सबसे महत्वपूर्ण कानून है जनलोकपाल बिल। इस बिल के कारण ही अन्ना इतने बड़े बने है और आम आदमी पार्टी उबरी है।अब अन्ना हज़ारे वापस लोकपाल बिल को कार्यान्वित करने के

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3 फरवरी 2018
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अब IIT, IIM और सेंट्रल यूनिवर्सिटी को भी तबाह करो।IIT, IIM,NIT , Central Universities ये वो संस्थान थे जो देश - विदेश में भारत का नाम ऊँचा रखते थे। अब सरकार इन्हें भी बर्बाद करने पर आ गयी है। अब तक इन संस्थानों को सरकार से डेवलपमेंट के लिए बजट मिलता लेकिन अब वो बजट नही मिलेगा। अब इन्हें सरकार से लोन

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रवीश कुमार के प्राइम टाइम शो का असर

4 फरवरी 2018
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6 फरवरी 2018
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मोदी जी ने ज़ी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में पूछा कि क्या कोई इंसान पकोड़ा बेच कर 200 रुपए कमा रहा है तो क्या वो रोजगार नही है क्या? मोदी जी वो स्व रोजगार हो सकता है लेकिन उसमें आपने क्या किया है। क्या आपने किसी पकोड़े वाले को रोजगार दिया है और अगर दिया है तो उसका डेटा दे कि कितने लोगों को पकोड़ा बेचने से

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वो सिर्फ एक मजाक था।

15 फरवरी 2018
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राज्य सभा में बीते बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के समय रेणुका चौधरी का हँसना और उस पर प्रधनमंत्री का तंज कसना एक हफ्ते से चर्चा का विषय बना हुआ है। ये प्राइम टाइम डिबेट से लेकर पोलिटिकल गलियारों में उस पर बहस चल रही है।सोचने वाली बात ये है कि क्या इस पर इतनी बहस जायज है। प्रधनमंत्री की उस बात

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SSC के प्रदर्शन से मीडिया की बेरुखी

3 मार्च 2018
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इस तस्वीर में दिख रहे ये हज़ारो लोग #SSC ( Staff selection commission) के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे है और इनकी माँगे एकदम साफ है कि SSC का जो पेपर लीक हुआ है और रिजल्ट में जो घोटाला हुआ है उसकी CBI जांच हो लेकिन ना सरकार इनकी सुन रही है ना SSC।और देश का TV मीडिया ये बात नही बतायेगा क्यों कि

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