मौन भी एक कला है , जो दर्शाती अपनी भावनाएं भी;
मौन एक नाराजगी भी,और साथ ही प्रेम की भाषाएं भी;
मौन रहना किसी का आदर भी,और सहन शक्ति की पराकाष्ठा भी।
मौन मस्तिष्क में संचित ऊर्जा का रूप,कभी बन जाता सुंदरता का स्वरूप;
मौन ऋषि मुनियों की साधना,यह है अपने देवता के लिए की गई आराधना;
क्रोध को जीतने का मंत्र है, मौन जीवन जीने का एक आवश्यक यंत्र भी है।
ध्यान की परिभाषा भी मौन है,निंद्रा के लिए भी आवश्यक मौन ही है;
तीव्र स्मरण शक्ति के लिए वरदान है,आत्मिक शांति के लिए अभिदान है यह;
किसी के विरोध का अस्त्र है यह,किसी के विरोध का परिणाम भी है यह।
मौन के दौरान संचित ऊर्जा,एक परमाणु बम के समान एकत्रित ऊर्जा;
सदुपयोग होगा अगर ऊर्जा का ,तो बहेगी लोक कल्याण की बयार;
दुरुपयोग हुआ अगर ऊर्जा का,तो उठ जाएगी सामाजिक विध्वंस की ललकार।
वाचाल होना हर जगह सही नहीं होता, मौन रहकर रहस्य से पर्दा नहीं उठता;
हर कोई मौन नहीं रह सकता, आत्म संयम का योग है यह
हर कोई कर नहीं सकता।
मौन स्वीकृति को दर्शाता अभिगुण है,किसी को नकारने का गुण भी है यह।