विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनियाभर में हर साल करीब 70 लाख लोग तंबाकू और दूसके धूम्रपान उत्पादों से कैंसर ग्रसित हो जाते हैं. इस बीमारी का आखिरी परिणाम मौत होता है, ये जानते हुए भी लोग इसका सेवन करते हैं जो बहुत दुर्भाग्य की बात होती है. हर साल भारत में मुंह के कैंसर से हजारों जान जाती हैं और फिर भी तंबाकू या दूसरे धूम्रपान उत्पादों की खरीद कम नहीं हो रही है. तंबाकू खाने या धूम्रपान करने से मुंह के कैंसर का खतरा काफी बढ़ता है और मुंह के कैंसर में मुंह के अंदर के हिस्सों जैसे जीभ, दांत, होंठ और गले में कैंसर हो जाता है. समय पर इसका इलाज कराने के लिए सबसे पहले mouth cancer ke lakshan को पहचानने की जरूरत होती है.
क्या है मुंह का कैंसर ?
मुंह के अंदर होने वाले कैंसर को मौखिक या ओरल कैंसर भी कहते हैं. मौखिक कैंसर का सामान्य और आसानी से इलाज हो सकता है, अगर इसके शुरुआती लक्षण को पहचाना जा सके. एक डैंटिस्ट आमतौर पर शुरुआती चरणों में मौखिक कैंसर को पकड़ते हैं क्योंकि मुंह की आसानी से जांच हो जाती है. ऐसे कई प्रकार के घाव होते हैं जो मौखिक कैंसर के बनने का कारण होता है और इनमें सफेद लवणों और लाल, मऱमली जैसे घाव दिखने लगते हैं जिसे एरिथ्रोपालकिया कहते हैं. पुरुष मौखिक कैंसर के विकास के जोखिम का महिलाओं में दोगुना सामना करते हैं. 50 सालों से ज्यादा के उम्र वाले पुरुषों में ये जोखिम ज्यादा होता है. धूम्रपान और तम्बाकू का उपयोग मौखिक कैंसर का मुख्य कारण माना जाता है. इसका निदान और प्रबंधन मौखिक और मैक्सिलोफैशियल सर्जन, विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकर ऑन्कोलॉजिस्ट, मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थोडोन्टिस्ट और रीस्टोरेंट दंत चिकित्सक बोलने और निगलने की तकलीफ से इसके लक्षण को पहचानते हैं.
कैसे होता है मुंह का कैंसर ?
पिछले कुछ समय से दुनिया के बहुत से युवा मुंह के कैंसर से ग्रसित हुए. शुरुआती समय में तो व्यक्ति इन्हें नजरअंदाज देता है लेकिन जब समस्या बड़ी होती है और इसका पता बहुत देर में चलता है. मुंह का कैंसर इन वजहों से होता है..
आनुवंशिक- अगर किसी व्यक्ति के परिवार में पहले से ही किसी को मुंह के कैंसर की बीमारी है और घर का ही कोई सदस्य गलत चीजों का सेवन कर रहा है तो उनमें कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है. कई ऐसे केस भी सामने आए हैं जहां लोगों को आनुवंशिकता की वजह से कैंसर होते देखा गया है.
तंबाकू खाना- मुंह के कैंसर का यह सबसे मुख्य कारण तंबाकू माना जाता है. मुंह के कैंसर के 90% मरीज तंबाकू चबाने वाले ही होते हैं और जहर समय तंबाकू खाने वालो को कैंसर रोग आसानी से पकड़ लेता है.
धूम्रपान- अगर किसी व्यक्ति को धूम्रपान की लत लग गई है तो उन्हें मुंह का कैंसर होना लगभग तय होता है. कुछ लोग चेन स्मोकर होते हैं जिनके हाथों में हमेशा सिगरेट लगी रहती है तो ऐसे लोग मुंह के कैंसर के आसानी से शिकार बनते हैं.
खराब भोजन- डॉक्टर हमेशा सलाह देते हैं कि बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए लेकिन जो लोग घर से बाहर रहते हैं उनकी मजबूरी बन जाती है. कभी-कभी बाहर खाने से कोई परेशानी नहीं है लेकिन अगर आप रेगुलर सुबह-शाम बाहर का ही खा रहे हैं तो इससे मुंह के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है.
अत्यधिक शराब- ज्यादा एल्कोहल का सेवन करना भी मुंह के कैंसर की वजह बनता है. अगर कोई शराब पीता हैं और बहुत ज्यादा मात्रा में इसका सेवन हो रहा है तो उन्हें मुंह के कैंसर की चपेट जरूर लगती है. इसमें बहुत सी परेशानियां होती हैं इसके बाद अगर जरा सा भी शराब पी जाती है तो एक हफ्ते में ही मरीज की मौत हो सकती है.
मुंह के कैंसर के लक्षण
मुंह का कैंसर किन कारणों से होता है ये आपको मैं पहले ही बता चुकी हूं, तो अब आपको मुंह के कैंसर के लक्षणों के बारे में बता देती हूं जिससे इन्हें सही समय पर पहचानकर इसका इलाज हो सके.
1. बिना किसी कारण बुखार आना.
2. थकान होना, चक्कर आना.
3. गर्दन में किसी प्रकार की गांठ का होना.
4. ओरल कैंसर के कारण बिना कारण वजन का कम होता रहता है.
5. मुंह में हो रहे छाले या घाव जो कि भर ना रहे हों.
6. जबड़ों से रक्त का आना या जबड़ों में सूजन होना.
7. मुंह का कोई भाग जिसका रंग बदल रहा हो.
8. गालों में लम्बे समय तक रहने वाली गांठ.
9. बिना किसी कारण लम्बे समय तक गले में सूजन होना.
10. मरीज की आवाज में बदलाव होना.
11. चबाने या निगलने में परेशानी होना.
12. जबड़े या होठों को घुमाने में परेशानी होना.
13. अनायास ही दांतों का गिरना.
14. दांत या जबड़ों के आसपास तेज दर्द होना.
15. मुंह में किसी प्रकार की जलन या दर्द.
16. ऐसा महसूस करना कि आपके गले में कुछ फंसा हुआ है.
मुंह के कैंसर का इलाज
मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर इसकी जांच करवा लेनी चाहिए और जांच के बाद चिकित्सिक उपचार की शुरुआत कर देनी चाहिए. इसके लिए डॉक्टर्स कई तरह की दवाई, टेस्ट और दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल करके इलाज शुरु करते हैं. मगर किसी भी बीमारी के उपचार की एक प्रक्रिया होती है जिन्हें स्टेप टू स्टेप फॉलो करनी होती है.
सर्जरी- मुंह के कैंसर में अलग-अलग तरह की सर्जरी होती है जिसमें ट्यूमर को हटाने की सर्जरी, गर्दन में फैले कैंसर को हटाने के लिए सर्जरी और मुंह को फिर से ठीक करने की सर्जरी शामिल होती है.
विकिरण थेरेपी- अगर मौखिक कैंसर के शुरुआती चरण में सिर्फ विकिरण थेरेपी की जरूरत डॉक्टर्स को लगती है तो सर्जरी के बाद इसका उपयोग किया जाता है. दूसरे मामलों में विकिरण थेरेपी और कीमोथेरेपी को संयोजित करके भी इलाज किया जाता है. बाद के चरणों में मुंह के कैंसर के मामलों में विकिरण थेरेपी कैंसर के लक्षणों जैसे कि दर्द को दूर करने में मददगार होती है.
कीमोथेरेपी- कीमोथेरेपी एक ऐसा इलाज होता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रसायनों का उपयोग करता है. कीमोथेरेप, विकिरण थेरेपी की प्रभावशीलता में वृद्धि कर सकती है और इसलिए दोनों का अक्सर साथ दिया जाता है.
लक्षित दवा का उपचार- लक्षित दवाएं कैंसर की कोशिकाओं के विशिष्ट पक्षों को बदलकर मुंह के कैंसर का इलाज करती है जो उनके विकास को बढ़ावा देने का काम करते हैं. कैटक्सिमैब कुछ स्थितियों में सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज के लिए लक्षित चिकित्सा होती है.
वैकल्पिक उपचार- कोई पूरक या वैकल्पिक दवाएं मुंह के कैंसर का इलाज नहीं कर सकती लेकन मुंह के कैंसर से मुकाबला करने में मदद जरूर रती है. कैंसर के उपचार के दुष्प्रभाव जैसे थकान को रोकने मं भी मदद करती है.
मुंह के कैंसर का घरेलू उपचार
वैसे तो मुंह के कैंसर में घरेलू उपचार का कोई काम नहीं होता है इसके लिए डॉक्टर से ही सलाह लेना ठीक होता है कैंसर एक जानलेवा बीमारी होती है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए लेकिन उस उपचार के दौरान घरेलू उपचार करना सही माना जाता है. तो चलिए अब मैं आपको इसके घरेलू उपचारों के बारे में बताती हूं.
शंख बजायें- शंख बजाने से मुंह और उससे जुड़ी सभी मांसपेशियों को भरपूर जोर लगाना पड़ता है. आप हर दिन शंख बजाएं, इससे आपके मुंह की मांसपेशियां मजबूत होती जाएंगी.
गुब्बारे फुलायें- ये काम आपको सुनने में अटपटा लग रहा होगा लेकिन गुब्बारे फुलाना, मुंह के कैंसर के रोगियों के लिए एक कारगर व्यायाम साबित होता है.
मुंह में पानी भरें- अपने मुंह हो पूरा खोलने की कोशिश करें और मुंह में पानी भर लकर कुछ देर तक मुंह में पानी भरकर ऐसे ही रहने दें. फिर बाद में कुल्ला कर दें और यह क्रिया नियमित रूप से करना चाहिए इससे जल्दी लाभ मिलता है.
नॉनवेज खाएं- लाल मांस, चिकन, मछली, अंडा खाने से प्रोटीन मिलता है और ये मरीज के मुंह के कैंसर के लिए फायदेमंद होता है. इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है.
समय-समय पर करें कुल्ला- जब भी खाना, नाश्ता या फिर जूस भी पिएं तो कुल्ला जरूर करें. खासकर दिन और रात के खाने के बाद साफ पानी से कुल्ला करना सबसे बेहतर होता है.
गर्म चीजों से रहें दूर- मुंह के कैसर से प्रभावित लोगों को गर्म चीजों से दूर रहना चाहिए. अगर हो सके तो ठंडी चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना सही होता है.