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माध्यम की भाषा

13 दिसम्बर 2018

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माध्यम की भाषा


(1)

जिस कार्य-क्षेत्र में उपयोग में आती रहे जो भाषा;

उस क्षेत्र केलिए विकसित होती रहती वो भाषा।

काम केलिए उपयोग में न लाएं निज-भाषा;

फिर क्यों कहें विकसित नहीं हमारी निज भाष।।


(2)

व्यक्तिगत क्षमता, सामूहिक क्षमता में;

सार्वजनिक रूप में, सरकारी काम में;

भाषा रूप अपनाना है निज भाषा;

शिक्षा में भी माध्यम हो निज भाषा;

हर कार्य क्षेत्र में माध्यम हो निज भाषा।।


उपयोग में आती रहे जो भाषा;

तभी उपयोगी बनी रहती वो भाषा;

हर क्षेत्र में, पूर्ण रूप से, निज भाषा में काम करें;

तभी यह बन सकती हमारे माध्यम की भाषा।।


(3)

हम स्वतंत्र हैं, अवसर है, पूर्ण रूप अपनालें निज भाषा;

व्यक्तिगत स्तर पर भाषा रूप, और देश में माध्यम रूप हो निज भाषा।


किसी भी अन्य विषय की तरह, सीखते रहें कितनी भी भाषा;

पर किसी भी अन्य भाषा को न बनाएं माध्यम की भाषा।

काम पड़ता है जिनसे, सीखना वांछनीय है, उनकी भाषा;

पर निज स्तर, निज क्षेत में हर कार्य केलिए माध्यम हो निज भाषा।।


(4)

मातृ-भाषा हो हमारे माध्यम की भाषा;

हर कार्य क्षेत्र में माध्यम हो निज भाषा।

यह है हमारा धर्म, हर कार्य में अपनाएं निज भाषा;

हम स्वतंत्र हैं, अवसर है, पूर्ण रूप अपनालें निज भाषा।।


उदय पूना

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रचनाएँ
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