मेरी ख़ामोशी की आवाज़,
मुस्कराहट का अंदाज़,
बंद पलकों का ख्वाब,
और हर ख़ुशी का राज़,
हो तुम
एक सपने सा है साथ तुम्हारा,
एक हकीकत है प्यार तुम्हारा ,
होठो पे हंसी, आँखों में नमी
है तुमसे,
हर बात की दास्ताँ है तुमसे
और कहुँ कैसे
कितना प्यार है तुमसे
आलोक सिन्हा
09 अप्रैल 2019अभी अभी रचना पढ़ी | बहुत अच्छी हैं | सुगठित , सरस् , मर्म स्पर्शी |