नक्षत्रों
की संज्ञा के अनुसार कर्तव्य कर्म
पिछले लेखों में बात कर रहे थे कि 27 नक्षत्रों में प्रत्येक
नक्षत्र में कितने तारे (Stars) होते हैं, प्रत्येक नक्षत्र के देवता (Deity) तथा स्वामी अथवा अधिपति ग्रह (Lordship)
कौन हैं, प्रत्येक नक्षत्र को क्या संज्ञा दी गई है
| नक्षत्रों की संज्ञा से उनकी प्रकृति का भी कुछ अनुमान हो जाता है | साथ ही यह
भी बताने का प्रयास कर रहे थे कि विभिन्न राशियों में कितने अंशों तक किस नक्षत्र
का प्रस्तार होता है | उसे ही और सरल बनाते हुए नक्षत्रों के देवताओं के विषय में बताया गया | साथ
ही चर्चा की थी नक्षत्रों की संज्ञा की | नक्षत्रों की संज्ञा के आधार भी कुछ आभास
जातक के रूप गुण स्वभाव का हो सकता है | साथ ही नक्षत्रों की संज्ञा के अनुसार ही
कर्म करने की भी सलाह ज्योतिषी देते हैं | जैसे:
जिन नक्षत्रों की संज्ञा ध्रुव
हो उनमें वे कार्य करने चाहियें जिनमें स्थायित्व हो – क्योंकि ध्रुव का अर्थ ही
है स्थाई – स्थिर – दृढ़ – अविचल | ये कार्य हैं अभिषेक करना, किसी उत्पात से शान्ति का प्रयास करना, बीज बोना अथवा वृक्षारोपण करना, किसी नगर अथवा भवन आदि की नींव रखना, कोई धार्मिक कृत्य करना करना
इत्यादि इत्यादि |
लघु संज्ञा वाले नक्षत्रों में
शास्त्रारम्भ, ललित कलाओं की शिक्षा आरम्भ करना, यात्रा के लिए प्रस्थान करना, रोग मुक्ति के लिए औषधि का प्रयोग करना, वस्तुओं का क्रय विक्रय, आभूषण खरीदना, शिल्प कर्म आदि करना उचित माना
जाता है |
जिन नक्षत्रों की संज्ञा मृदु हो
उनमें मित्रता जैसा मधुर कार्य करना चाहिए | किसी भी प्रकार का ऐसा कार्य जिसमें कोमलता
का – मृदुता का भाव हो तथा मांगलिक कार्य मृदु संज्ञा वाले नक्षत्रों में करने
चाहियें |
उग्र संज्ञा वाले नक्षत्रों में
इनके स्वभाव के अनुसार ही उग्र स्वभाव वाले कार्य करने चाहियें | जैसे: शस्त्रों
का प्रयोग तथा उसका अभ्यास करना | तान्त्रिक क्रियाएँ जो लोग करते हैं उनके लिए भी
ये नक्षत्र अनुकूल माने जाते हैं | युद्ध आरम्भ करने के लिए इन नक्षत्रों को उपयुक्त
माना जाता है | किसी प्रतियोगिता में विजय प्राप्त करने के लिए भी इस नक्षत्र को
उपयुक्त माना जाता है |
तीक्ष्ण संज्ञा वाले नक्षत्रों
को प्रायः उन लोगों के लिए अनुकूल माना जाता है जो किसी प्रकार के मन्त्र के
प्रयोग में सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं या किसी प्रकार के विघ्न बाधा आदि से
मुक्ति का प्रयास करना चाहते हैं | इसके अतिरिक्त न्यायालय में या किसी इंटरव्यू
आदि के लिए प्रार्थना पत्र देने के लिए भी ये नक्षत्र उपयुक्त माने जाते हैं |
कहीं पैसा इन्वेस्ट करना हो तो उसके लिए भी ये नक्षत्र अनुकूल माने जाते हैं |
मृदुतीक्ष्ण – जैसा कि नाम से ही
स्पष्ट है – मृदु और तीक्ष्ण दोनों प्रकार के कार्यों के लिए ये नक्षत्र अनुकूल
माने जाते हैं | जैसे किसी भी प्रकार का ऐसा कार्य जिसमें कोमलता का – मृदुता का
भाव हो तथा मांगलिक कार्य, मन्त्र सिद्धि के लिए प्रयास करना, इंटरव्यू या कोर्ट में कोई प्रार्थना पत्र देना इत्यादि |
चर नक्षत्रों को प्रायः सभी
प्रकार के कार्यों के लिए अनुकूल माना जाता है | किन्तु यात्रा आदि के लिए ये नक्षत्र
विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं |
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/05/15/constellation-nakshatras-40/