कारगिल युद्ध का इतिहास :
कार्गिल विजय दिवस की जीत के 20 साल पूरे हो चुके हैं। यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। भारती सैनिकों ने इस युद्ध में जीत हासिल करने के लिए पूरी एड़ी चोंटी का बल लगा दिया था। भारत की सेना ने दुश्मनों को खदेड़ने के लिए हर एक कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए डटे रहे।
जैसा कि आज भी हम सब अपने भारत वर्ष के वीर जवानों व शहीदों को सच्चे दिल से याद करते हैं। तो आइए इस युद्ध में शहीद भारत के उन वीर जवानों को श्रद्धांजली देते हैं। क्या आप भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस कार्गिल युद्ध से परिचित हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे-
10 महत्वपूर्ण बातें जो कि हर भारतवासी को जानना चाहिए-:
1.भारतीय की सेना ने LoC Border (Line of Control) पर दुश्मनों से सामना करने के लिए करीब 7 लाख से भी ज्यादा भारतीय सैनिकों को बॉर्डर पर देश की रक्षा के लिए तैनात खड़ा किया गया था और यह युद्ध करीब 3 महिनों तक चला, जिसमें हमारे सैनिक भाइयों को काफी हद तक कठिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
2.इस कार्गिल युद्ध में करीब 524 की संख्या में भारतीय सैनिक शहीद हुए और लगभग 13,363 जवान गंभीर रूप से घायल हुए। वहीं दूसरी तरफ भी लगभग 696 पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया और बहुत बड़ी संख्या में कई आतंकवादियों के घायल होने के साथ-साथ 40 नागरिकों की जान भी चली गयी।
3.आपको बता दें कि कारगिल क्षेत्र के आस-पास पहाड़ियों में कुछ आतंकी गतिविधियों के बारे में वहां के कुछ स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना को इस बात की जानकारी दी। सन् 1999 में 3 मई इस बात की जानकारी मिली, जिसके बाद भारतीय सेनिकों ने जल्द से जल्द उस क्षेत्र में रह रहे घुसपैठियों को क्षेत्र खाली करने व खदेड़ कर भगाने के लिए एक Operation Vijay की शुरूआत की।
4.पाकिस्तान की आतंकी सेनाओं ने इस युद्ध के पहले चरण की शुरूआत इस प्रकार की कि उन्होंने अमर शहीद Captain सौरभ कालिया व अन्य पांच सैनिकों के शव का अपमान किया था, लेकिन वहीं भारत की सेना ने कार्गिल युद्ध में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों से सम्मानजनक व्यवहार किया और पाकिस्तानी मृतक सैनिकों के शरीर को बहुत ही सम्मान के साथ ताबूत में करके उनके देश वापस कर दिया।
5.पाकिस्तान की सेना ने कार्गिल क्षेत्र की ऊंची चट्टानों से Indian Missiles के उपर निशाना साधते हुए Surface-to-air Missile का प्रयोग किया। Baltic Sea के क्षेत्रों में भारतीय सेना ने 2 Fighter Jet और 2 Helicopters खो दिये। IAF(Indian Air Force) Pilot Ajay Ahuja ने पाकिस्तानी सेना के हाथों इस युद्ध में शहीद हो गये, जिसमें हुआ ये कि अहुजा जी के सिर में गोली मार दी गयी।
6.पाकिस्तानी सेनाओं NH 1D पर बम विस्फोट करने के लिए टाइगर हिल का प्रयोग किया था। इसलिए Drass Kargil Road पर नियंत्रण होना जरूरी था। ढलानों को करीब 22 प्रतिशत और ऊंचा कर दिया गया जिससे कि उसका तापमान 18 डीग्री सेल्शियस हो गया। यही नहीं बल्कि Tiger Hill की चोंटी पर पहुंचने के लिए लगभग 16,500 फुट ऊंचाई का रास्ता बनाया। ये सब करना भारत की सेना के लिए बहुत ही कठिन काम रहा।
7.कारगिल युद्ध के दौरान उत्पन्न हुई स्थिति ने भारत-पाक के बीच पहले से तनाव जैसे रिश्तों को खतम कर दिया था। मई सन् 1998 में भारत और पाक के द्वारा परमाणु परीक्षण ने भी आगे बढ़ने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी।
8.अंतिम हमला भारतीय और पाक सेना के बीच टाइगर हिल पर ही हुआ । इस आखिरी हमले में 5 भारत के सैनिक और 10 पाक सैनिक मरे। उसा वक्त विशेष बात यह थी कि Captain Vikram Batra ने घायल हुए Captain naveen को बचाते हुए अपने प्राणों का बलिदान किया।
9.कारगिल युद्ध के प्रारंभिक समय में पाकिस्तान की सेना ने एन एच वन ए पर बम फेंकते हुए आगे बढ़ रहे थे। यह रोड NH 44 को नाम से जाना जाता है जो कि सीधा कश्मीर की घाटियों से जुड़ती है। बमबारी करने के लिए पाकिस्तान के सैनिकों ने भारत के घुसपैठिये आतंकवादियों से हात मिलाकर पूरा प्लान किया था।
10.कार्गिल युद्ध के समय भारतीय सेना के चीफ वेद प्रकाश मलिक जी थे।