हास्य कविता -ऑपरेशन पत्नी - सेवा *************************************** जब -जब होता पेट -दर्द ,पत्नी मुझ पर झल्लाती थी | जाँच पेट की करवाने खातिर ,डांट बहुत पिलाती थी || डॉक्टर की सलाह पर जब ,जाँच पेट की करवायी | तिल्ले में पत्थरी होने की ,तब बात सामने थी आयी || यह जानकार मेरा चेहरा ,चिन्ता से मायूस हो गया | होने वाले ऑपरेशन की ,चिन्ताओं में खो गया || ऑपरेशन की सलाह पाकर ,चेहरा उसका खिल उठा | जाना उसकी ख़ुशी का कारण ,वाकई जो था बहुत अनूठा || मेरी मायूसी देखकर ,पत्नी झूम कर बोली | ऊँट आया पहाड़ तले,ओ मेरे हमजोली || तुम से सेवा करवाने का ,अब आनन्द मुझे मिलेगा | ऑपरेशन पत्नी -सेवा से ,दिल मेरा खिलेगा