यह सत्य है गलतियां सभी करते हैं। कोई-सा व्यक्ति ऐसा नहीं है जो गलती न करता हो। गलती करने पर जब डांट पड़ती है तो आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें- JYOTISH NIKETAN: क्षमा से अन्तः का कचरा साफ होता है!
आशावादी बनना चाहिए। आशावादिता से जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आते हैं। इसलिए आशाएं कभी भी नहीं मरनी चाहिएं। आशाएं सजीव रखेंगे तो जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग सदैव बना रहेगा। आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें... JYOTISH NIKETAN: आशावादी बनें!
तेरी तरहा मैं हो नहीं सकता नहीं ये करिश्मा हो नहीं सकतामैंने पहचान मिटा दी अपनी भीड़ मे अब खो नहीं सकताबहुत से काम याद रहते है दिन मे मैं सो नहीं सकताकि पढ़ लूँ पलकों पे लिखी इतना सच्चा हो नहीं सकतासमीर कुमार शुक्ल
धूप मे धूप साये मे साया हूँ बस यही नुस्का आजमाया हूँएक बोझ दिल से उतर गया कई दिनों बाद मुस्कुराया हूँदीवारें भी लिपट पड़ी मुझसेमुद्दतों के बाद घर आया हूँउसे पता नहीं मेरे आने का छुप कर के उसे बुलाया हूँ समीर कुमार शुक्ल
आवा बन्धु,आवा भाई सुना जो अब हम कहने जाए।सुना ज़रा हमरी ये बतिय, दै पूरा अब ध्यान लगाय।कहत हु मैं इतिहास हमारा जान लै हो जो जान न पाए।जाना का था सच वह आपन जो अब तक सब रहे छुपाय।जाना का था बोस के सपना,जो अब सच न है हो पाए।जान लो का था भगत के अपना, जो कीमत मा दिए चुकाय।जाना काहे आज़ाद हैं पाये वीर गत
सुवचन जीवन में प्रेरणा देते हैं। सुवचन के सार को जीवन में व्यवहार में लाने पर वे सार्थक हो जाते हैं! सुवचनों को व्यवहार में अवश्य लाना चाहिए। सुवचन सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। इस पुस्तक में प्रेरक व जीवनोपयोगी 190 सुवचन
यदि आपको मोबाइल फोन पर हिन्दी लिखने मे दिक्कत हो रही हो तो आप अपने फोन पर इंडिक कीबोर्ड (यहाँ से) या फिर कोई और हिन्दी कीबोर्ड ऐप इन्स्टाल कर सकते हैं। साथ ही नीचे दाहिनी ओर ऑप्शन मे अंग्रेजी सेलेक्ट करने के बाद आसानी से हिन्दी लिख सकते हैं