बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपना 14 साल का वनवास खत्म करने को बेचैन है. इस बार हवा भी है. पहले चरण की पोलिंग के समय अखिलेश-राहुल का गठबंधन मजबूत दिख रहा था, लेकिन सातवां चरण आते-आते सब बराबर हो गया. अंदाजा लगाना मुश्किल है कि लखनऊ की गद्दी कौन संभालेगा.
अखिलेश यादव ने सपा की रवायत तोड़ते हुए इस बार पार्टी की ओर से सीएम कैंडिडेट अनाउंस किया, लेकिन बीजेपी ढर्रे पर कायम रही. सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं किया. खूब नाम उछले, लेकिन बोला कोई कुछ नहीं. अब जबकि चार दिन बाद परिणाम आने हैं, तो सबकी धड़कनें तेज हैं. खासकर इन 6 नेताओं की, जो देश के सबसे बड़े सूबे का मुख्यमंत्री बनने के दावेदार हैं. आइए डालते हैं एक नजर:
#1. राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृहमंत्री और 2000 में यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह एक बार फिर रेस में हैं. वैसे उनकी अब तक की चाल बताती है कि वो सीएम बनने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन राजनीति है, कुछ भी हो सकता है. यूपी सीएम पद को लेकर राजनाथ का दावा इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि वो यूपी के ही रहने वाले हैं और राजपूत समुदाय से आते हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उनकी अहम भूमिका थी, जिसमें बीजेपी ने यूपी की 80 में से 71 सीटें जीती थीं.
#2. स्मृति ईरानी
केंद्रीय शिक्षामंत्री रहते हुए रोहित वेमुला और JNU विवाद पर सदन में सरकार का बचाव करने वाली स्मृति भी सीएम पद का बड़ा चेहरा हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ उतारा था. उन्होंने अमेठी की कई महिलाओं का बीमा भी कराया था. महिला नेता होने के नाते बीजेपी उन पर भरोसा कर सकती है. स्मृति अच्छा बोलती हैं. अभी वह केंद्र में टेक्सटाइल मिनिस्टर हैं.
#3. दिनेश शर्मा
दबी जुबान से ही सही, पर लखनऊ के मेयर डॉक्टर दिनेश शर्मा का नाम भी सीएम कैंडिडेट की रेस में है. 53 साल के दिनेश लंबे वक्त तक RSS से जुड़े रहे हैं और अमित शाह उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बना चुके हैं. यूपी में बीजेपी जीतती है, तो RSS शर्मा के नाम की पैरवी कर सकता है.
#4. योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर में इकतरफा राजनीति करने वाले बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की सीएम बनने की चाहत किसी से छिपी नहीं है. उनके समर्थक खुलकर उन्हें सीएम बनाने की मांग करते हैं. सोशल मीडिया पर न जाने कितने ऐसे पेज हैं, जो योगी को सीएम बनाने का प्रचार करते हैं. पूर्वांचल की राजनीति में असर रखने वाले योगी हिंदुत्व के एजेंडे की मुखरता से बात करते हैं.
ट्रिपल तलाक से लेकर राम मंदिर तक, योगी के पास सबके लिए सख्त ओपिनियन है. हालांकि, बीते दिनों एक बड़े मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में योगी ने अपना नाम पीछे करते हुए राजनाथ को सीएम बनने का न्योता दिया था. उनके समर्थकों के लिए ये गर्व की बात है कि पार्टी ने प्रचार के लिए उन्हें हेलिकॉप्टर दिया था.
केशव प्रसाद मौर्य को यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जाना पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग का नतीजा था. पार्टी ने अगड़ी जाति वालों को ज्यादा टिकट दिए, लेकिन अध्यक्ष बनाया ओबीसी बैकग्राउंड से आने वाले नेता को. जिस तरह ये अध्यक्ष बने, उसी तरह सीएम बनने की रेस में भी हैं. हालांकि, गुजरात के उना कांड और रोहित वेमुला की खुदकुशी के बाद से बीजेपी पर ओबीसी-विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं. यूपी के एक पिछड़े वर्ग से आने वाले केशव को सीएम बनाकर बीजेपी अपनी छवि सुधारने का काम कर सकती है.
#6. महेश शर्मा
विदेशी पर्यटकों को कपड़े पहनने की सीख देने वाले विवादित नेता महेश शर्मा का नाम भी सीएम पद की रेस में है. महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से सांसद हैं और मोदी कैबिनेट में पर्यटन और संस्कृति मंत्री हैं. अगड़ी जाति से आने वाले महेश शर्मा पर अमित शाह को काफी भरोसा है. शर्मा संघ से भी जुड़े रहे हैं, जो बात इनके हक में जा सकती है