दुनियां में हमारे पर्दापर्ण होते ही हम कई रिश्तों से घिर जाते हैं .रिश्तों का बंधन हमारे होने का एहसास करता हैं .साथ ही अपने दायीत्यों व् कर्तब्यों का.जिन्हें हम चाह कर भी अनदेखा नहीं कर सकते और न ही उनसे बन्धनहीन .लेकिन सच्ची दोस्ती दुनियां का वह नायाब तोहफा हैं जिसे हम ही तय करते हैं . ज्ञान ी दोस्त ही जिन्दगी का सबसे बड़ा बरदान हैं .हमें प्यार सभी से करना चाहियें लेकिन दोस्ती सर्वोत्तम से ही करना चाहियें .अगर प्रेम दुर्लभ होता हैं तो सच्ची मित्रता सबसे दुर्लभ. मित्र दुःख में राहत, कठिनाई में पथप्रदर्शक , जीवन की खुशी हैं, जमीन का खजाना ,मनुष्य के रूप में नेंक फरिश्ता .दोस्ती अनकंडीशनल होनी चाहिये .यह बाहरी दिखावें से परे ,आतंरिक सुन्दरता, सादगी और आत्मीयता का प्रतीक होती हैं इस अटूट रोश्तएं में व्यक्ति सहगानुभूती के साथ अपने सोच विचार व् भावनायो को साझा करता हैं .दोस्ती का रिश्ता एक आयना की तरह होता हैं ,जिसमें बिना किसी मतभेद के एक दूसरें की जरूरत समझते हुए समर्थन देकर ,अवसाद के क्षणों में अच्छी सलाह व् मानसिक शांति देता हैं .जेसा कि डा. बोरिस नए कहा हैं की - जब कोइ महिला स्ट्रेस की सिकायत करती हैं तब हम उसे एक अच्छा दोस्त दूदकर उससे अपने मन की बात कहने की सलाह देते हैं .दोस्ती सच्चाई व् कोमलता से ही बनती हैं .वह हमारे अतीत को जानकर जेसी हैं वेसी ही स्वीकारती हैं .इस सम्बन्ध में एलावेर्ट नए कहा हैं की ' एक मित्र वह होता हैं जो आपके बारे में सब कुछ जानता हैं और तब भी वह आपसे प्यार करता हैं .
सच्ची दोस्ती दुनियां का एक नायाब ,बेशकीमती तोहफा हैं .ये हमारे सच्चे शुभ चिन्तक होतें हैं ,जो कठिनाईयों से बचाकर हमारे अर्थहीन जीवन को अर्थपूर्ण बनाकर सफलता का सच्चा रास्ता दिखाता हैं .एक ढर्रे पर चलने वाली जिन्दगीं में नई- नई सोच से रूबरू करवा क्र जीने का एक अलग अंदाज सिखाते हैं .सच्ची दोस्ती पारस्परिक विशवास व् समझ के कारण गहरी होती जाती है .ईसलिये यह अन्य रिश्तों से गहरी होती हैं .
हम अपने ख़ास दोस्त के प्रति अपनी भावना व्यक्त करने के लिए प्रति वर्ष अगस्त के प्रथम रविवार को मित्रता दिवस मनाते हैं .ईस के पीछें मित्र के प्रति सम्मान की भावना जुडी होती हैं .दोस्ती की अहमियत से ही हमें पूरे जीवन भर विना स्वार्थ के और उदार बनाए रहने की शिक्षा मिलती हैं या संदेश मिलता हैं .आज के समय में हमारे जीवन का पर्याय बन गया हैं .जेसा की खली जिब्रान जी नए कहा हैं की - एक सच्चा मित्र हमारे अभावों की पूर्ति करता हैं .आज के अशांत जीवन के द्वंद और उलझनों के बीच एक सच्चें मित्र की आवश्यकता और महत्तवता बद जाती हैं .'