शिव दयाल"सुलेख"
ध्यान रखेंHistoryयोगदानसंपादित करेंMoreमैं शिव दयाल"सुलेख" गोण्डा जिले से हूं, मैंने अवध विश्वविद्यालय से एम० ए० अंग्रेजी की पढ़ाई की है, वर्तमान में मैं जनता की सेवा सुरक्षा करने में व्यस्त हूं एवं जनता की आवाजों को कागज पर उतार कर चैन प्राप्त करता हूं।,आपका आशीर्वाद चाहता हूं,आपके घर का सदस्य ___शिव दयालआपकी सेवा में हर पल समर्पित है।,ध्यान रखेंHistoryयोगदानसंपादित करेंMoreमैं शिव दयाल"सुलेख" गोण्डा जिले से हूं, मैंने अवध विश्वविद्यालय से एम० ए० अंग्रेजी की पढ़ाई की है, वर्तमान में मैं जनता की सेवा सुरक्षा करने में व्यस्त हूं एवं जनता की आवाजों को कागज पर उतार कर चैन प्राप्त करता हूं।,आपका आशीर्वाद चाहता हूं,आपके घर का सदस्य ___शिव दयालआपकी सेवा में हर पल समर्पित है।
shivdayal
एक सहमी हुई, सिमटी हुई कालों मेंधूल धूसरित लालों मेंखुद कंटकों पर चलती थी।एक ऐसी देवी जो कठिनाइयों का सामना करते हुएउसे गले लगाती रही।घर वाले कुछ भी कहत
shivdayal
<p style="color: rgb(0, 0, 0); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">एक सहमी हुई, सिमटी हुई कालों में<br>धूल धूसरित लालों में<br>खुद कंटकों पर चलती थी।<br>एक ऐसी देवी <br>जो कठिनाइयों का सामना करते हुए<br>उसे गले लगाती रही।<br>घर वाले कुछ भी कहत