फिर वही सपना bath tub से बहता हुआ पानी और कोई मदद के लिए चीख रहा हो, जैसे कोई डूब रहा हो मेरा अपना और जैसे ही वो बचाने जाती है bath tub को देखकर जोर से चिल्लाती है और हमेशा की तरह ईशानी चौक कर उ
एक नगर के बाहर एक हाईवे था जो कई किलोमीटर लंबा जंगली रास्ते से गुजरता था कई लोगों का यह मानना था वहां पर एक औरत को देखा गया जो वहां से आने जाने वाले लोगों को रोकती थी और उनसे मदद मांगा करती थी। एक ब
दोस्तों यह कहानी एक रहस्यमई कहानी है इस कहानी को पढ़कर आपको बहुत ही मजा आने वाला है तो चलिए शुरू करते हैं मेरे गांव एक जंगल के बीच बीच एक पहाड़ी पर था जहां से मैं रोज काम करने के लिए रोज शहर आता- जा
पिछले अध्यायों में हमने पढ़ा कि झारखंड के एमएलए की बेटी की शिखा की शादी की तैयारियाँ हो रही है और उसके कॉलेज के जमाने की सहेली मौलि शादी में आने वाली है। मौलि के आने की खबर से शिखा की खुशी का ठिकाना न
अमन आज जल्दी जल्दी बस स्टॉप की ओर जा रहा था । वह आज फिर से लेट था । अब तो उसकी फितरत सी हो गई थी लेट ऑफिस जाना और बॉस से डांट खाना । उसे दिल्ली में लाजपत नगर से गुड़गांव जाना होता था । वह पहले मेट्रो
नॉक नॉक !! प्रसाद जी बार बार कानों में पड़ती आवाज से आखिर बिस्तर छोड़कर उठ गए, उठते ही दो क्षण को बिस्तर पर बैठे बैठे ही अंदाजा लगाया कि आवाज बाहर के दरवाजे से आ रही है| फिर वही आवाज नॉक...नॉक.... “हाँ
नॉक नॉक !! प्रसाद जी बार बार कानों में पड़ती आवाज से आखिर बिस्तर छोड़कर उठ गए, उठते ही दो क्षण को बिस्तर पर बैठे बैठे ही अंदाजा लगाया कि आवाज बाहर के दरवाजे से आ रही है| फिर वही आवाज नॉक...नॉक.... “हाँ
सुबह हो चुकी थी । राजन की आंख खुली तो वह अपने बिस्तर पर पड़ा हुआ था । उसे बीती रात की एक एक करके सारी घटनाएं याद आ गई । कल रात एक साथ दो दो भूतों के दर्शन हुए थे उसे । दोनों एक जैसे लग रहे थे ।
राजन अपने घर आ तो गया मगर उसका सारा ध्यान ताबीज में ही था । क्या ताबीज में कुछ कलाकारी है ? ऐसा क्या है उस ताबीज में जिससे भूत भी डरते हैं ? ये कैसे पता चलेगा कि क्या क्या होता है उस ताबीजमें ? इसे जा
राजन ने दृढ निश्चय कर लिया था कि चाहे जो कुछ हो जाये, वह उस मकान में ही रहेगा । मनुष्य जब सिर पर कफन बांध लेता है तो मौत भी सौ बार सोचती है कि वह इस आदमी का वरण करे अथवा नहीं ? दृढ संकल्प वाले व्यक्ति
रोज की तरह सूर्यदेव सुबह सुबह घूमने निकले । सूर्यदेव जहां जाते हैं अपने साथ प्रकाश , ऊर्जा , आशा, विश्वास, सकाराकता और जीवन लेकर जाते हैं । इस कार्य में पवन देव उनकी मदद करते हैं । सुबह सुबह पवन
रिश्ते भी एक धाराप्रवाह नदी की तरह होते हैं । नदी पहले बहुत आवेग के साथ बहती है । फिर उसमें प्रगाढ़ता आ जाती है और फिर वह धीरे धीरे मंथर गति से बहने लगती है । फिर अचानक एक मोड़ आ जाने पर जिस तरह
एक विशेष प्रकार की आवाज सुनकर राजन की नींद खुल गई । आवाज ऐसी आ रही थी जैसे कोई सांप रेंग रहा है । उसने धीरे से अपनी आंखें खोली मगर उसे कुछ दिखाई नहीं दिया । उसे लगा कि उसने डर के मारे आंखें खोली ही नह
राजन बड़ा आश्चर्य चकित था उस भूत के पदचाप की रिकॉर्डिंग को सुनकर । उसके मुंह से बोल नहीं निकले । कहीं उसका इस मकान को किराये पर लेने का निर्णय उसके लिए घातक तो सिद्ध नहीं हो जाएगा ? अब तक उसने सुनी सु
रवि लंच लेकर सो गया था । जब जागा तब तक चार बज चुके थे । हल्की हल्की बारिश हो रही थी । मौसम बड़ा सुहावना हो रहा था । आसमान पर बादल छाए हुए थे । तेज हवा के झोंकों के साथ साथ कुछ कुछ फुहारें घर के अंदर त
■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■भाग 54 (पिशाचिनी सिद्धि)_______________________________________________________________________________पिछले अंक में आप सभी पाठकों नें प
राहुल हर दिन की तरह अपने काम पर जाने के लिए अपने घर से निकलता है, जैसे ही राहुल जाने के लिए हमेशा के रास्ते पर पाव रखता ता है, उसके सामने से अचानक एक काली बिल्ली गुजरती है, उसका रास्ता काट देती
कहतें है दिल्ली दिल वालों का शहर है, अब रमन भी दिलवालों के शहर पहोच गया था देखतें है, रमन का स्वागत दिल्ली शहर कैसा करता है, क्या रमन को दिल्ली रास आयेगी या उसका दिल देहला देगी! दिल्ली के प्लेटफॉर्म
रचना आज जैसे ही घर से निकली एक अजीब वाक्या हुआ, वो यह कि, जैसे ही उसने, घर की चौखट से पाॅव बाहर रखा उसको लगा कि किसी ने उसे धकेला है ,उसने आगे पीछे देखा वहा कोई न था। यह कही वहम तो न
ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना