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ख़ुशगुमानी

12 जून 2016

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ख़ुशगुमानी


यूँ आरज़ू को हवा दी मैंने ,

की उड़ा ले चली है मेरी रूह को ऐसे,


की आता नहीं सुकूँ जमी पर मुझे,

और क़दम ठहरते नहीं बादलों पर मेरे.. 


ऐ खुदा, हसरतों को देकर रवानी थोड़ी, 

मेरी हस्ती को कोई तो कहानी दे दे...


कुछ तो होगा तेरे ज़हन में मेरा नक़्श,

राह दिखा कुछ, ज़िंदगी में ज़िंदगानी दे दे .. 


यूँ तो तेरी शुक्रगुज़ारी की वजह हैं बहुत, 

कुछ ख़ास वजह होने की ख़ुशगुमानी दे दे..


by- Sneha Dev 

26/5/16

स्नेहा

स्नेहा

आप सबको पसंद आया, लिखना सार्थक हुआ. धन्यवाद.

13 जून 2016

chaurasiya  धर्म प्रकाश चौरसिया

chaurasiya धर्म प्रकाश चौरसिया

मेरी ज़मीन दे मुहब्ब्त ताकत वो आसमानी दे,कफ़न हो तिरंगा हौसला हिन्दोस्तानी दे ....... ( आपके शब्द बहुत अच्छे हैं )

13 जून 2016

शिवदत्त

शिवदत्त

जो तूने अब जाने का कर लिया फ़ैसला तो अगले जन्म मे मिलने की निशानी दे दे||

13 जून 2016

मनीष प्रताप सिंह

मनीष प्रताप सिंह

यूँ तो तेरी शुक्रगुज़ारी की वजह हैं बहुत, कुछ ख़ास वजह होने की ख़ुशगुमानी दे दे..बहुत ही लाजवाब।

13 जून 2016

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रचनाएँ
snehadev
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हिंदी मेरी मातृभाषा है और मेरी प्रिय भी है, पर मुझे अंग्रेजी से भी बहुत लगाव है. दोनों भाषाओं को यदि पढ़ने के हिसाब से तुलना करूँ , तब हिंदी पढ़ने लिखने में काफी कठिन मान जाएगी. यूँ तो अंग्रेजी का साहित्य पढ़ने समझने के लिए भी शायद कई बार डिक्शनरी उठानी पड़ जाये. बहरहाल, मुझे कविताएं लिखने का शौक है और ज्यादातर वो भावनात्मक है. शायद इसीलिए वो मैं हिंदी में लिखना पसंद करती हूँ. मैंने छोटी कहानियाँ भी लिखी है और कुछ लेख भी है पर वह सब मैंने अंग्रेजी भाषा में लिखी है. ये सब मेरी अपनी वेबसाइट dailydozeoflife.com पर उपलब्ध है. यदि इच्छा हो तो ज़रूर चेक कीजिये. धन्यवाद I am learning everyday :)

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