नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर कुछ समय पहले एक नोट की फोटो वायरल हुई थी, जो भारत का नहीं था वो नोट एक ऐसे देश का था जहां सबसे ज़्यादा मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। सोशल मीडिया पर काफी लोग इस नोट को फेक मान रहे हैं मगर आपको जानकार हैरानी होगी कि यह नोट एकदम असली है। यह नोट मुस्लिम देश इंडोनेशिया का है जो साल 1998 में इंट्रोड्यूस हुआ था। बता दें कि, इंडोनेशिया की करेंसी को रुपियाह कहा जाता है। साल 1998 में इस नोट को मार्किट में उतारा गया था। इस नोट पैट गणेश जी के साथ इंडोनेशिया के स्वतंत्रता सेनानी और 1945 में इंडोनेशिया के शिक्षा मंत्री रहे 'की हजार देवेंत्रा' की फोटो है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि, एक मुस्लिम देश में कोई गणेश जी को इतना बड़ा स्थान कैसे दे सकता है। आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे एक रोचक कारण।
बता दें कि, कुछ साल पहले इंडोनेशिया की अथव्यवस्था बुरी तरह कमज़ोर हो गई थी ऐसे में यह राष्ट्रीय चिंतकों के लिए सोचने का विषय था, जब उन्होंने साम, दाम, दंड, भेद सब लगाकर देख लिया लेकिन उनकी मुसीबतें काम होने का नाम नहीं ले रही थीं। इसके बाद काफी विचार-विमर्श करने के बाद राष्ट्रीय चिंतकों ने 20 हजार का एक नया नोट जारी किया, नोट पर उन्होंने उसपर गणेश जी की तस्वीर छपवाने का आदेश दिया। लोगों का मानना है कि, ऐसा करने से वहां की अर्थवयवस्था फिर से मज़बूत हो गई। जानकारी के लिए बता दें कि, इंडोनेशिया की लगभग 87 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानती है और बचे लोग हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखते हैं लेकिन इतने पर भी यहां गंगा जमुनी तहज़ीब से साथ हंसी-खुशी अपनी ज़िंदगी जी रहे हैं। हालांकि, साल 2008 में भगवान गणेश की फोटो वाले 20 हजार के नोट को प्रचलन से बाहर कर दिया गया था।
मुस्लिम बाहुल्य इस देश के नोट पर क्यों है गणेश जी की फोटो? पीछे की वजह जान नहीं होगा यकीन |