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इमोशनल ब्लैकमेलिंग से कैसे निपटें?

26 अगस्त 2016

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जानू ! क्या तुम नही चाहते, मैं पार्टी में सबसे अलग दिखूं ! मेरी सारी ड्रेसेस ओल्ड फैशन की हो गयीं हैं, तो प्लीज़! मेरे लिए नई ड्रेस ला दो। शीतल ने राहुल से प्यार भरे अंदाज़ में कहा। ऐसा अक्सर होता था, जब भी शीतल को अपनी कोई बात मनवानी होती, तो वह किसी न किसी तरह से अपनी बात मनवा कर ही रहती, राहुल जानता था कि, एक बार शीतल की बात नहीं मानने पर उसने कई दिनों तक उससे बात नहीं की थी, इसलिए ना चाहते हुए भी उसे शीतल की बात माननी पड़ी।

कहीं आप के साथ भी तो ऐसा नही होता? तो सचेत हो जाइये, क्योंकि भावनात्मक शोषण (Emotional blackmailing) को सहना किसी के लिए अच्छा नहीं है।

इमोशनल ब्लैकमेलिंग को झेलना ख़ुशी की बात नहीं होती है। हममे से बहुत से लोग अक्सर जीवन के कुछ पड़ावों में इसके शिकार हो जाते हैं। वास्तव में, कुछ ऐसे चालाक लोग होते हैं, जो ख़ुशी के साथ इस प्रकार की गतिविधियों का मजा लेते रहते हैं, जिसमें उन्हें किसी ना किसी प्रकार से मानसिक और शारीरिक संतुष्टि मिलती है। ऐसे लोग सोचते हैं कि, शिकार हमेशा उनके जाल में फंस जायेगा।

इमोशनल ब्लैकमेलिंग को कैसे परिभाषित करें? विस्तार से पढ़ें...

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