Jiwan ki bagiya
रचनाकार -दोस्तो मैं ना कविता लिखती हूँ ना कोई छंद लिखती हूँ, अपने आसपास पड़े हुऎ टाट पै कुछ पैबंद लिखती हूँ। ना मै कोई कवित्री हूँ, ना ही कोई अखबार हूँ। बस जो दुनिया में घटता देखती हूं अपने आस पास हर समय उस खबर को अपने कागज पर लिखती हूं, मेरी लेखनी
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