देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते ,आपको पता होना चाहिए की आपके द्वारा दिया जाने वाले टैक्स या कर का पैसा कहाँ जा रहा हैं और जैसे कि हमारा लोकतंत्र पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, यहां कुछ ऐसा है जो हम सबको को जान ना चाहिए|
मध्य प्रदेश सरकर हर साल १२ लाख रूपये वि. वि. ई. पि पेड़ के ऊपर खर्च कर रही है. भोपाल और विदिशा के बीच सलामतपुर की पहाड़ी पर एक ऐसा पेड़ लगा है जो देश का वि.वि. पि पेड़ है. इसकी चौबीस घंटे चार गार्ड निगरानी करते है और इसके लिए साँची नगरपलिका ने अलग से पानी का टैंकर का इंतजाम भी कर रखा है ताकि यह पेड़ सूखने ना पाये |१०० एकड़ की पहाड़ी पर लोहे की लगभग १५ फ़ीट ऊँची जाली के अंदर यह पेड़ लगा है जो की बोधि वृक्ष है| सितंबर २०१२ से पेड़ की सुरक्षा मे चार से पाँच गार्ड हमेशा तैनात रहते है| इस पेड़ को देखने हमेशा लोग आते जाते रहते है| पेड़ को बीमारी से बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी हर हफ्ते इस जगह का दौरा करते है और यह सब काम जिला कलेक्टर की निगरानी मे होता है| यह वही पहाड़ी है जिसे साँची बौद्ध विश्व्विद्यालय लिए आवंटित किया गया है|
इस पेड़ को २१ सितंबर २०१२ को श्रीलंका क पूर्व राष्टपति महिंद्रा राजपक्षे ने लगाया था | बौद्ध धर्म क अनुयायिओ के लिए इसक खास महत्व है| भगवान बुद्ध ने बोधगया मे इसी पेड़ क नीचे आत्म ज्ञान प्राप्त किया था |भारत से सम्राट अशोक इसे श्रीलंका ले गए थे और इसे अनुराधा पुरम मे लगाया था | उसी वृक्ष की एक शाखा को अब साँची बोध विश्वविद्यालय की जमीन पर लगाया गया है| पेड़ तक पहुंचने के लिए भोपाल सरकार ने विदिशा राजमार्ग से पकी सड़क भी बनाई गई है| इस पेड़ की देख रेख मे हर साल मध्य प्रदेश सरकार १२-१५ लाख रूपये खर्च करती है|
हालांकि,विरासत के एक पेड़ की रक्षा करने के मे कोई नुकसान नहीं है क्योकि इस पेड़ के साथ कुछ विशेष महत्त्व और लगाव जुड़ा हुआ है, लेकिन क्या मध्य प्रदेश सरकार को सिर्फ एक पेड़ पर इतना ज़्यादा पैसा खर्च करने का अधिकार है,जबकि मध्य प्रदेश के किसान क़र्ज़ के चलते आत्महत्या किये जा रहे है|