बढ़ ही रहा है ---------------------------- यह खूंखार मंजर -----------------------------------
साल गुज़रते रहे ======तरसते रहें हम "अच्छे दिनों " को
और " सबका विकास " से !!!!!!!????????
RSS को हिन्दुओं की नहीं बल्कि हिंदुत्व की चिंता सता रही है. यह आडम्बर किस लिए ????!!!!!!!!!!!!!!!!
( काट पीट कर एक साल पहले का ब्लॉग प्रस्तुत है )
बात मेरी नहीं RSS की है . देखें इनका तथाकथित दर्शन . कहते हैं कि इस
देश में रहने वाले ही सभी "हिन्दू" है और " हिन्दू" कोई
धर्म नहीं बल्कि एक जीवन प्रणाली है . चलो एक आम आदमी की तरह सोच कर देखता हूँ . सभी " हिन्दू " हैं , तो जो RSS की विचारधारा को जो नहीं मानते हैं वो भी "हिन्दू" हैं . जब सभी "हिन्दू" हैं तो अच्छे और बुरे सभी मानुस इस देश में " हिन्दू" ही रहे . फिर जो "हिंदुत्व" का विरोध करें वह भी "हिन्दू " ही हुए , क्योंकि" हिन्दू" किसी धर्म से नहीं बल्कि इस देश में रहने वालों से परिभाषित है . फिर वे गाय का मांस खाए या उसे रोटी खिलाये दोनों ही "हिन्दू" हैं. चाहे माथे ते तिलक लगाये या सर पे टोपी पहने , मंदिर में जाएँ या मस्जिद, गिरजाघर या गुरूद्वारे में , सभी " हिन्दू" हैं .
बस बात ख़त्म , अब यह तो RSS का दर्शन है , अगर मुझे इससे एतराज़ हो तो RSS का क्या बिगड़ता है ? यह समझ में नहीं आ रहा है . यह तो मनुष्य की प्रकृति है कि अलग अलग विचारों के मंथन से ही समाज आगे बढ़ता है . मैं मानू कि मैं हिन्दू नहीं फिर भी इस देश में रहता हूँ और पैदा हुआ यहीं पर और तुम कौन होते हो मुझे बताने वाले की मैं "हिन्दू" ही हूँ या नहीं हूँ .
खैर छोड़िये इस तकरार को . काम की बात हो जाये.
RSS देश के सभी वासियों ("हिन्दुओं" RSS की शैली में ) को गरीबी , बेरोज़गारी , बेइज्जती , बच्चों के कुपोषण और बाल मज़दूरी . और शोषण और भ्रष्टाचार , नीची जातियों और अल्पसंख्यंक पर अत्याचार , गरीबों की महिलओं का बलात्कार और महंगाई से मुक्त क्यों नहीं करवा रही हैं ?????
जो हिन्दू धर्म को मानते हैं , छोड़िये RSS की गलत परिभाषा , उनकी आज देश में क्या हालत हैं , उसपर भी RSS क्या कर रही है ????
जहाँ 75 प्रतिशत ग्रामीण जनता भुखमरी से झुझ रहे हों , बच्चे बिन मौत , बीमारी और अन्न के आभाव में अधमरे हो कर जी रहे हों, वहां RSS को गौ मांस , धर्म वापसी , योग और हिन्दू और हिंदुत्व के मसले ही ज्वलंत लगते हैं.
तो RSS को मांस खाने वाले
भारत विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधि वाले नज़र आने लगे हैं . यह कैसे साबित कर दिया . क्या "हिन्दू" मांस नहीं खाते और अगर खाते हैं तो क्या RSS के पैसों का , इसमें भारत विरोधी कहाँ से हो गए . और RSS कैसे बताएँगे कि क्या खाने चाहिए और क्या नहीं .
क्या RSS यह साबित करना चाहते हैं कि अगर कोई देश विरोधी भ्रष्टाचारी मांस नहीं खाता हो तो वहएक सच्चा देशभक्त है . यानि देश भक्ति का मूलदण्ड "मांस " से जुड़ा हुआ है और" हिन्दू" होने या न होना निर्भर करता है "मांस " से .
RSS के हिसाब से सभी इस देश में रहने वाले " हिन्दू " हैं , तो "मांस" खाने वाले भी तो "हिन्दू" ही हुए न . RSS किस फंडे में उलझ गयी है, अपने गुरुओं से पूछे, कि यह सब क्या है ?? कौन हिन्दू है और कौन नहीं . और किस हिन्दुओं के कल्याण में उन्हें कार्य करना है, जिसके लिए करे , करें तो सही . बाकियों को अपने हाल पर ही छोड़ दीजिये . हमें मुक्त करें "हिन्दू " और "हिंदुत्व " से . हम RSS के दर्शन का विरोध करते हैं जो धर्म के नाम पर आम जनमानस को विभाजित कर एक दूसरे को लड़वा रहा है . RSS के सुर को आगे बढ़ने ही आये हैं BJP और मोदी .
इनको समझ कर इनके नापाक इरादों को परास्त करें , यही वक़्त की पुकार है